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गुरुवार, 3 जुलाई 2008

गंगा-जमुनी संस्कृति पर हमला

साथियो हमारा अमनपसंद प्यारा शहर इंदौर आज चंद सिरफिरे शिद्दतपसंद दहशतगर्दो की गिरफ्त में है जो बेवजह ही बेगुनाह नागरिको के खुन से होली खेल रहे है। आज इंदौर में गुजरात माडल की दस्तक साफ सुनी जा सकती है।

अमरनाथ यात्रा हमारे देश की गंगा-जमुनी संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण है, लेकिन आर.एस.एस. वाले अपनी हिटलरी संस्कृति देश पर थोपना चाहते है। देशभर में हो रहे हिन्दू-मुस्लिम दंगे इशारा कर रहे है कि आर.एस.एस. गुजरात माडल का एक्सपान्शन दुसरे राज्यो में भी करने में सफल हो रही है।

क्या हिन्दूओ की तरक्की के वास्ते गुजरात ही एकमात्र माडल बचा रह गया है ? अगर देश की जनता भगवा ब्रिगेड के हाथो कठपुतली बन ऐसे ही तमाशे का हिस्सा बनती रही तो चर्चिल की कुख्यात भविष्यवाणी सच होकर रहेगी। महंगाई ने हिन्दू हो या मुसलमान, अगडा हो या पिछडा सभी की कमर तोडे रखी है, उधर सरकार वामपंथीयो व शिर्षस्त वैज्ञानिको के विरोध को दरकिनार कर जयचंद-मीरजाफरो की मदद से परमाणु करार पर आगे बढ रही है, इस भयावह स्थिती में बेवजह हो रहे मजहबी दंगे किसी गहरी सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करते है।

3 टिप्‍पणियां:

NILAMBUJ ने कहा…

aapki baat se 100% sahmat hu.

editor ने कहा…

Sach baat hai Paresh bhai. Ideologies aside, can the deaths can be compensated.

Either it is Hindu or Muslim who dies, what about their families? Election jeetna hai, ladaate raho.

Ek ziddi dhun ने कहा…

fasiwad kee taraf badh raha hai hai desh.