- लेखकों के वैचारिक संघर्ष का नेतृत्व करना और उनके लिए रचनात्मक विकास की परिस्थितिया उत्पन्न करने का प्रयास करना।
- जनवादी लेखन के प्रकाशन, प्रचार तथा प्रचार के लिए हर संभव प्रयत्न करना तथा जातिवाद, छुआछूत , अंधविश्वास, रूढ़िवादिता, सांप्रदायकिता तथा अलगाववाद को फैलाने वाले सामंती, साम्राज्यवादी और पतनशील पूंजीवादी लेखन का विरोध करना।
- जनता की स्वस्थ सांस्कृतिक परंपराओ का संरक्षण और विकास करना तथा उसकी सांस्कृतिक चेतना के विकास में योग देना।
- लेखको के व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक हितों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना।
- जनवादी लेखकों के लिए सम्मेलनों, संगोष्ठियों तथा अध्ययन और कार्यशिविरों का आयोजन करना।
- भारत तथा विदेशों की सभी भाषाओ के जनवादी लेखकों और संस्कृतकर्मियों के संगठनों के साथ संबंध विकसित करना।
रविवार, 6 जनवरी 2008
जनवादी लेखक संघ (Janwadi Lekhak Sangh) के उद्देश्य
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जनवादी लेखक संघ
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1 टिप्पणी:
Indore ke saathiyon ko Janvaadi Lekhak sangh ke is blogspot ke liye badhai. Ummeed hai aane wale dinon mein yahan aur bhi bahoot kuchh padhne ko milega.
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