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रविवार, 17 फ़रवरी 2008

हिंदू-हिंदू भाई-भाई।
देश की एकता भगवा ब्रिगेड को न भायी।

राज समर्थक मुम्बई की सडको पर गैर मराठियों को पीटते हुवे।

बाला साहेब - राज भाई। हम जैसे हिन्दी प्रांतो के मराठियों के साथ क्या सलूक किया जाना चाहिए?

2 टिप्‍पणियां:

♫gaurav♫ ने कहा…

MNS Sucks...

प्रदीप मिश्र ने कहा…

फोटो भारतीय राजनीति को शर्मशार करता है। बशर्ते वहाँ शर्म बची हो। मामला बहुत ही गड़बड़ है। ये वे देशभक्त हैं,जो कब्रिस्तान में रहना पसंद करते हैं। वह दिन दूर नहीं है, जब हिन्दुस्तान इतिहास में दफ्न हो जाएगा और बहुत सारे छोटे-छोटे राज्यों के इस समुच्चय का प्रधान शासक वही होगा जो 60-70 बरस पहले था। अब कोई बड़ा आदमी जिसकी जी हजूरी करने की हमारी अनुवांशिक आदत है,वह यदि चाहता है कि बिना युद्ध के हम उसके गुलाम बन जाएं। तो हमारी नैतिकता है कि हमें उसके आग्रह का सम्मान करना चाहिए। राजू भइया या लालू भइया ये सब लोग इसी महान काम को सम्पादित करने में लगे हैं। अब इतिहास के पन्ने इनके तिजोरियों में रखे सोने से बनेंगे, जिनपर इनका नाम लिखा जाएगा। इस महादेश की महामूर्ख जनता यूँ ही पिटती रहेगी। इन्तजार करो जल्दी ही हम आप भी इस फोटो के केन्द्र में होंगे। मुद्दा शायद कुछ और हो, जो सफेद घर में तय हो रहा है। खैर जब तक हमारे पास गला है हम चिल्लाऐंगे और कहेंगे कि - बन्द करो यह बर्बरता, जी खा लेने दो हम गरीबों को। कहीं हममें आत्मस्वाभिमान जग गया तो तुमको सिर छुपाने की जगह भी नहीं मिलेगी। खदेड़-खदेड़ कर मारेंगे तुमको पृथ्वी के अन्तिम छोर से बाहर ढकेल देंगे। क्योंकि हमने ही बनाई है इस पृथ्वी को इतना सुन्दर। बकवास बन्द।