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रविवार, 23 मार्च 2008

देश की जवानी को

भगतसिंह - राजगुरू - सुखदेव के बलिदान दिवस पर समस्त क्रांतिकारी
नीव के पत्थरों को लाल सलाम

जिस दिन उसे फांसी लगी
उसकी कोठरी से
उसी दिन लेनिन की एक किताब
बरामद हुई थी
जिसका एक पन्ना
मोड़ा हुआ था
देश की जवानी को
उसके आखरी दिन के मोड़े हुए
पन्ने से आगे बढ़ना है।
पाश

3 टिप्‍पणियां:

Ek ziddi dhun ने कहा…

kaise bemisaal the yuva...aur aaj kya hua, har taraf samarpan..

प्रदीप कांत ने कहा…

परेश भाई
उसके आख़री दिन के मोड़े हुऐ पन्नों से आगे बढ़ने की आस और विश्वास बनाए रखें।

- प्रदीप कान्त

प्रदीप मिश्र ने कहा…

jandar prastuti ke liye badhayee.