नीव के पत्थरों को लाल सलाम
जिस दिन उसे फांसी लगी
उसकी कोठरी से
उसी दिन लेनिन की एक किताब
बरामद हुई थी
जिसका एक पन्ना
मोड़ा हुआ था
देश की जवानी को
उसके आखरी दिन के मोड़े हुए
पन्ने से आगे बढ़ना है।
पाश
जिस दिन उसे फांसी लगी
उसकी कोठरी से
उसी दिन लेनिन की एक किताब
बरामद हुई थी
जिसका एक पन्ना
मोड़ा हुआ था
देश की जवानी को
उसके आखरी दिन के मोड़े हुए
पन्ने से आगे बढ़ना है।
पाश
3 टिप्पणियां:
kaise bemisaal the yuva...aur aaj kya hua, har taraf samarpan..
परेश भाई
उसके आख़री दिन के मोड़े हुऐ पन्नों से आगे बढ़ने की आस और विश्वास बनाए रखें।
- प्रदीप कान्त
jandar prastuti ke liye badhayee.
एक टिप्पणी भेजें