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गुरुवार, 11 सितंबर 2008

जलेस इन्दौर की मासिक रचना गोष्ठी सम्पन्न

30 अगस्त 08, इन्दौर
जनवादी लेखक संघ इन्दौर के तत्वाधान में आयोजित "मासिक रचना गोष्ठी" कार्यक्रम के अंतर्गत कहानीकार श्याम यादव और कवि ओम ठाकुर ने शिरकत की।


ओम ठाकुर (रचना पाठ करते हुवे), श्याम यादव (मध्य में) व सनत कुमार


श्याम यादव ने प्रार्थना और शनीमहराज कहानिया का पाठ किया । कहानी पाठ के बाद इन पर हुई चर्चा में साहित्य सुधीजनों ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा की कहानी के रचना धर्म को छोड़ दिया जाये तो ये कहानिया समाज के उस चेहरे को उजागर करने में कामयाब हुई है जो समाज का अंग है और समाज के तथाकथित ठेकेदार उन्हें दरकिनार करते रहे है । कहानीकार का मकसद समाज को राह दिखाना नही होता वह तो उन सचाईयों को समाज के सामने लाने का काम करता है जिसे परे रख कर ये ठेकेदार अपने अपने उल्लू सीधा करने में लगे रहते है । प्रार्थना में जहा चप्पल जैसी छोटी सी चीज के सामने भगवान की आस्था के हिल जाने का वर्णन है तो शनी महराज में उस नन्हे से बालक का अंतर्द्वंद उजागर किया है जो अपने पिता की मोत के बाद अपनी माँ और बहन के पेट को भरने के लिए सड़क पर भगवान के नाम और विभिन्न स्वरूपों का सहारा ले कर पैसे कमाने की जुगाड़ करते हुए ख़ुद मौत के मुह में चला जाता है। उसकी मौत के साथ ही कहानी ख़त्म तो हो जाती है मगर कहानीकार एक सवाल समाज के सामने उछाल देता है की क्या उस बालक को इस समाज में लिखने पढने और जीने का हक है की नही। कहानीकार का कहना है कि लेखक का मकसद समाज को कोई संदेश देना नही अपितु उस सच्चाई से अवगत कराना है जो समाज में है और हम उसे देख कर भी अनदेखा कर देते है ।

इस अवसर पर कवि ओम ठाकुर ने घर और खेत, मेरे घर का रास्ता, औरत तुम्हें सलाम, मिली चाय कथ्थयी कुछ ज्यादा चीनी वाली रेल्वे स्टेशन के बाहर आवारा लड़के, कोंल्हू का बेल, तितली, डोंगियो से शब्द, आग की तासीर के विरूद्ध, आदिवासी बाला इत्यादि कविताओ का पाठ किया। वरिष्ठ कवि त्रिलोचन व शमशेर की पसंद ठाकुर की रचनाओ पर चर्चा के दौरान कवि प्रेमियो ने कवि के आशावादी फलसफे की भूरी-भूरी सराहना की। कवि का मानना है कि दुनिया बदल सकती है बशर्ते इसे बदलने की सोंच पैदा की जाये। तितली कविता के माध्यम से बालमन के अंदर झाकने के कवि के प्रयास को श्रोताओ ने पसंद किया।

कार्यक्रम की शुरूआत में वरिष्ठ वामपंथी नेता का. हरकिशन सिंह सुरजीत, फिलीस्तीनी शायर महमूद दरवेश व पाकिस्तानी शायर अहमद फराज को श्रंद्धाजली अर्पित की गयी। इस अवसर पर इन्दौर के तमाम जनवादी-प्रगतिशील ताकतो की तरफ से जनवादी लेखक संघ इन्दौर व प्रगतिशील लेखक संघ इन्दौर ने एम.एफ.हुसैन की प्रदर्शनी पर फासीवादी ताकतो द्वारा हमले के विराध में संयुक्त व्यक्तव्य जारी कर सहमत की प्रदर्शनी पर हिन्दू संगठनो द्वारा किये आंतकी हमले की भ्रत्सना करते हुवे दोषियो को गिरफ्तार कर उचित दंड दिये जाने की मांग की।

कार्यक्रम में विलास गुप्ते, सत्यनारायण पटेल, ड़ा भरत सिन्हा, पुरषोत्तम दुबे, सनत कुमार, चारूशीला मौर्य, प्रदीप मिश्र, प्रदीपकांत, चुन्नीलाल वाधवानी, शशिभूषण सहित अनेक साहित्यप्रेमी व बडी संख्या में एम.फील. के विद्यार्थी उपस्थित थे। जलेस इन्दौर इकाई के अध्यक्ष सनतकुमार ने वक्ताओ का स्वागत किया संचालन सचिव परेश टोकेकर ने किया व आभार सहसचिव चारूशीला मौर्य ने व्यक्त किया।

5 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

very nice! hahahahaha

बेनामी ने कहा…

Your blog is very creative, when people read this it widens our imaginations.

बेनामी ने कहा…

Thanks. Im Inspired again.

अनुनाद सिंह ने कहा…

यदि आप चाहते हैं कि मुक्त-स्रोत ब्राउजर 'फ़ायरफ़ाक्स'का उपयोग करने वाले लोग भी आपका लेख ठीक से पढ़ सकें तो कृपया अपने लेख को 'जस्टिफ़ाई' मत किया कीजिये।

Arun Aditya ने कहा…

शाबाश, सक्रियता बनाये रहो।