जानेमाने हिन्दी साहित्यकार व अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व डीन कामरेड़ कुवरपाल सिंह का लंबी बिमारी के बाद 72 वर्ष की आयु में बीती रात निधन हो गया। आप जनवादी लेखक संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे है, तथा वर्तमान में जनवादी लेखक संघ को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में सेवा प्रदान कर रहे थे।
हाल ही में आपके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आपने मरणोपरांत वैज्ञानिक अनुसंधान हेतू देहदान करने की इच्छा जाहिर की थी। आपकी अंतीम इच्छा को पूर्ण करते हुवे आपकी देह अ.मु.यू. को सौप दी गयी।
जलेस परिवार कुवरपाल सिंह जी पत्नी नमिता सिंह, उनके पुत्र व पुत्री के प्रति हार्दिक शोक संवेदना व्यक्त करता है।
का. कुवरपाल सिंह अमर रहे।
का. कुवरपाल सिंह को लाल सलाम।
रविवार, 8 नवंबर 2009
श्रद्घांजलिः का. कुवरपाल सिंह
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दुःख,
नीव का पत्थर,
श्रद्धांजलि
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2 टिप्पणियां:
सदमा लगा...उन्हें श्रद्धांजलि...वर्तमान साहित्य का प्रकाशन नियमित चलता रहे.........।
ओह.. यह तो बहुत ही दुखद समाचार है । क़ॉमरेड कुँवर पाल सिंह को नमन ।
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